श्लोक
यावत्स्वस्थो ह्रायं देहो यावन्मर्त्युश्च दूरतः।
तावदात्महितं कुर्यात् प्राणान्ते किं करिष्यति।।
श्लोक का अर्थ:
जब तक यह शरीर स्वस्थ तथा निरोग है और जब तक मृत्यु नहीं आती...
तावदात्महितं कुर्यात् प्राणान्ते किं करिष्यति।।
श्लोक का अर्थ:
जब तक यह शरीर स्वस्थ तथा निरोग है और जब तक मृत्यु नहीं आती...