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घर में यदि खटपट : सुलह करो झटपट
प्रश्न:
क्या एक शादी शुदा व्यक्ति को अपने घर में लड़ाई होने या करने के बाद चुप चाप रहना चाहिए, या अपनों को मनाना चाहिए फिर चाहे गलती उस व्यक्ति की न हो ?

उत्तर:
✍🏽 : लड़ाई में गलती किसी की भी हो, अपनों को प्यार से मना लेना ही आपकी सदाशयता का परिचायक होगा और आप निम्न तरह से लाभ में रहेंगे :

परिवार के बीच आपका सम्मान बढ़ जायेगा।

वास्तव में जिसकी गल्ती होगी, वह आपके प्रति श्रद्धा रखने लगेगा।

बात वहीं की वहीं समाप्त हो जाने के कारण बतंगड़ नहीं बन पायेगी। और आप व परिवार के अन्य सदस्य तनाव की एक अन्त श्रँखला से बच जायेंगे।

पुनः मनाने की प्रक्रिया में परिवार जन के बीच प्यार में अभिवृद्धि होगी।

लडा़ई में सर्वाधिक उलाहना आपकी पत्नी को मिलता है। उसकी गलती हो तब भी, और यदि आपकी गल्ती हो तब भी ऐसा समझा जायेगा कि आपने वह गल्ती अपनी पत्नी के सिखाने पर की। यदि आपने मनाने की प्रक्रिया द्वारा बात को ही समाप्त कर दिया, तो आपकी पत्नी इन उलाहनों से बच जायेगी और उसके मन में आपके प्रति प्यार और गहरा हो जायेगा। फ़लस्वरूप आपके दाम्पत्य संबंधों मे और गहनता व मधुरता आ जायेगी।

ध्यान रखिये। परिवार मेंं किसी की गलती से अथवा गलतफहमी से लडा़ई झगड़ा कोई अनहोनी नहीं, अपितु सामान्य बात है। कहावत है, कि- जहां चार बर्तन होते हैं, वहां खनखनाहट होती ही है। अतः लडा़ई की अग्नि को अधिक तूल न देकर, समझ ,स्नेह और समझौते के जल से तत्काल शान्त कर लेने में ही भलाई है।

लड़ाई के बाद मनाने के स्थान पर चुप रहना दोयम दर्जे का समाधान है। इससे बात आगे तो न बढ़ेगी, किन्तु जितनी बढ़ चुकी है, उसकी गांठ सबके मन में बनी रहेगी और आग भीतर ही भीतर सुलगती रहेगी।

इसलिए मनाना ही श्रेष्ठ हल है।

यह भी मानकर चलें कि- पारिवारिक लडा़ईयां संबंधों के लिये लुब्रिकेशन का कार्य करती हैं। इनसे घबराना नहीं चाहिए और नफ़रत का अँकुर फ़ूटने से पहले ही शान्तमन से परिवार जन को मनाते हुए समाधान निकाल कर समझदारी का परिचय देना चाहिए।

यदि आप परिवार में अग्रज हैं, तो आपकी जिम्मेदारी और अधिक हो जाती है।

सबकी गल्तियां अपने ऊपर लीजिए, उनको क्षमा कीजिए और परिवार में स्नेह का अमृत घोलते रहिये।

मत भूलिएगा, कि- हम भारतीय हैं, हमारे प्राण परिवार में बसते हैं। परिवार हमारी महिलाओं की वाटिकाएं हैं, जिनमें भावी पीढ़ी के कुसुम खिलते हैं। अतः हर कीमत पर हमें अपने परिवार की शान्ति को बनाए रखना है।