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गुरु दिवस की आप सभी गुरुजनो को हार्दिक मंगल व शुभकामनाएं💐✨🙏😊🎀
शिक्षक की बात आते ही मुझे अपने बचपन की वह एक घटना हमेशा स्मरण होती है जो कभी भुलाया नहीं जा सकता खासकर मेरे लिए...! यही कोई स्टैंडर्ड वन की होंगी में। यही मौसम था बारिश का...! हमारा स्कूल जो चारों तरफ क्लासरूम बीच में एक बड़ा सा कदम का पेड़। चारों तरफ ऊंचा करके चबूतरा बनाया हुआ था सीमेंट से ठीक उसके सामने प्रिंसिपल का ऑफिस रूम। बारिश का वक्त था जोरों की बारिश हो रही थी और क्लास में ना कोई टीचर और ना ही कोई गाइड करने वाला उसी तेज बारिश में मुझे वॉशरूम जाना था परमिशन भी ले तो किससे...? फिर मैंने तय किया कि नहीं अब तो जाना है।वॉशरूम और मेरे क्लासरूम के बीच का डिस्टेंस तीन कक्षाओं को पार करके जाना था जब मैं अपने क्लास से निकली आधे रास्ते में पहुंची थी यानी कदम के पेड़ के पास तभी अचानक प्रिंसिपल की नजर पड़ी और वहां से वह चिल्लाते हुये कुछ बोल ही रहे थे यही कि अपने क्लास रूम में जाओ...!! मुझे वॉशरूम जाना था तभी अचानक प्रिंसिपल अपना छाता लेकर निकल पड़े मुझे पकड़ने अजीब बात तो यह थी कि मैं उस कदम के पेड़ के दो से तीन चक्कर उन प्रधानाचार्य को लगवाई।मैं आगे आगे प्रिंसिपल मेरे पीछे पीछे...! सभी क्लास के बच्चे बारिश का आनंद लेने सब सामने आ गए थे सब मुझे आश्चर्य हो कर देख रहे थे कि मैं प्रिंसिपल को इतने मोटे से पेड़ के दो-तीन चक्कर लगवा रही हूं सब उनसे बहुत डरते थे।कुछ हसरहे थे कुछ डर रहे थे। बाद में तीसरे चक्कर में, मैं सरसराक अपने रूम में चली गई जबकि सारे बच्चे सामने बारिश में अपने हाथों को फैलाकर मजे ले रहे थे। प्रिंसिपल से बचने के लिए मैं सबसे पीछे चली गई और जाकर उन्हीं बच्चों में मिल गई। अब वह मुझे ढूंढे भी तो कहा इतने सारे बच्चों में...!! उस घटना के बाद एक डर हमेशा लगा रहता था वह यह कि प्रिंसिपल मेरे पिताजी एक दूसरे से बहुत अच्छे से परिचित थे।वह कभी-कभी हमारे यहां आते चाय नाश्ता करके जाते इतनी परिचित डर लगा रहता था कहीं पापा जी को ना कह दे आखिर वही हुआ तबसे पूरे घर को पता है कि बचपन में मैंने यह कारनामे खुराफाती करी है वरना किसी को पता ही नहीं चलता।साथ में एक और खुराफाती शिक्षकों में वह सबसे ओल्ड थे। सभी बच्चे बैठे हुए थे। चेयर का एक पैर टूटा हुआ था। उस टूटे पैर पर कुर्सी को रख दिया गया था। टीचर आकर उस पर बैठे और धड़ाक से सामने की तरफ गिरे।

सभी गुरु की भूमिका जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है पर मेरे जीवन में दो गुरु ऐसे मिले जो जीवन में हर सक्सेस के पीछे सबसे पहले उन्हीं को नमन करती हूं।एक 'अजय सर'... इनका योगदान ऐसा है समझ लीजिए किसी घर के न्यू(Based)रखने के जैसा। दूसरे चंदन सर... यह वह है जो उस न्यू(Based) पर बिल्डिंग बनाने जैसा। मैं आजीवन अपने गुरुओं की ऋणी रहूंगी और आजीवन शिक्षार्थी।

" शिक्षक हमारे जीवन के वह प्रकाश है
जो घने अंधकार को छाँटते हैं।
हमारे दुर्गम पथ को सुगम करते हैं।
विचार और समझ का वह ज्ञान देते हैं
जिससे अच्छे और बुरे में अंतर कर पाए।
मैं शुक्रगुजार हूं उन सभी गुरुओं का
जो मेरे जीवन को प्रकाशमय और उन्नत किये हैं।
मैं शुक्रगुजार हूं MK का,माँ-पिताजी का,दादा का
जो मेरे मार्गदर्शक बने मेरे पहले गुरु...
मैं शुक्रगुजार हूं प्रकृति जेसे गुरु का
जो इम्तिहान लेने के बाद सिखाती है।
साथ ही शुक्रगुजार उन तमाम लोगों का
जिन्होनें जीवन में कुछ न कुछ सिख जरूर दिया है। "

आज का दिवस मेरे लिए बेहद खास है मेरे खास लम्हों में आज की तारीख जुड़ने वाला है।कहते हैं शिक्षक हमें सभी और सही रास्ता दिखाते हैं।आज वर्षों की समस्या का समाधान, आज के ही दिन मेरे गुरु जी ने निकाले हैं।वो सपने पूरे होंगे जिनकी आंखें कई वर्षो से सपने देखे थे।होंठ उसकी नाम रटते रटते थक गई थी।अंतर मन के किसी एक कोने के दरवाजे बंद हो गए थे।हृदय का एक हिस्सा मर सा गया था।आज वो ख़ुशी मिली है जो कई वर्षो से तलाश रही थी। आज का दिन और आने वाला 8 सितंबर 2023 (Admition) मेरे जीवन के खुबसूरत लम्हों में से एक हैं। This solve I deeply fixed in my memory and my heart.
गुरु दिवस की आप सभी को शुभेच्छा और मंगलकामनाएं💐✨🙏😊🎀

तस्वीर:- गुरु जी को आज दिया हुआ छोटा सा उपहार
#गुरु_दिवस🖊️💐✨🙏😊🎀❣️
_Sunita✍️

© SunitaShaw