...

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आत्महत्या🧤
आत्महत्या करने से पहले.....

आत्महत्या करने से पहले सब एक नोट लिखते हैं।
लेकिन नोट मत लिखना पहले.....
एक लंबी सांस लेना और घर से बाहर निकलना
सीधे किसी अस्पताल में जाना...
जननी वार्ड कहाँ है जरा यह पता करना...?
दूर खड़े होकर एक माँ को बच्चे को जन्म देते हुए देखना...
उसकी प्रसव पीड़ा को खुद पर लेकर सहन करके देखना...
कैसे वो असहनीय दर्द झेलकर तुम जैसे कल के नौजवान को जन्म देती हैं.....

"शायद अगर दिल से देखा तो आँखें नम हुई होगी...
कुछ आंसू पलकों तक कुछ जमीन पर भी आए होंगे"

जाकर उस नन्हे फूल की माँ से पूछना इतना दर्द सहन किया कितनी पीड़ा हुई....
जवाब आएगा...
मुझे दर्द महसूस हुआ ही नहीं जब मैंने...

"उसके रोने की आवाज
उसके स्पर्श को महसूस किया
उस पर कुछ ऐसी मोहित हुई
जब उसे पहली बार दूध पिलाया
वो पीड़ा सारी भूल गई जब
उसको मेरे पास पाया".....

अभी रुकना नहीं यह देख यह सुनकर अस्पताल से बाहर आना
और उन गलियों की ओर मुड़ जाना जहाँ छोटे-छोटे व्यापारी छोटे-छोटे मजदूर दिन भर कमाई करते हैं फिर जरा उनसे वार्तालाप करके आना....

पहले शांत मन से उनको देखना....
देखना टपकता माथे से पसीना होगा
हाथ और पैरों से कहीं रक्त भी निकल रहा होगा
जो हाथ कल तक कोमल थे वह एक कठोर पत्थर से होंगे
एड़िया भी उनकी फटी दरारों वाली मिलेगी...

फिर उनसे पूछना बाबा इतनी दुर्लभ हालत हो रही है तो इतना काम क्यों यह मेहनत क्यों क्या आराम नहीं कर सकते...
फिर बाबा का थकी थकी आवाज में उत्तर आएगा

"बेटा मैं थका नहीं
खून बहे या पसीना पर थका नहीं
घर पर इंतजार करते होंगे मेरे बच्चे
जिनका पेट अभी भरा नहीं
मैं जाऊंगा तो खाना वो पकाएगी
हम बैठ कर आराम से उसको खाएंगे"

मैं अपने बच्चों के लिए हर दिन काम करने आता हूँ
हाँ थोड़ा थक जाता हूँ लेकिन शाम को देख कर उनके चेहरे पर मुश्कान मैं सारी थकान एक पल में भूल जाता हूँ...

यह सुनकर फिर कदम बढ़ाना फिर घर की ओर जाना जो माँ-पिता तुम देख कर आए बाहर उनकी छवि अपनी माता-पिता में देखना.....

और फिर शांत होकर अपने कमरे में जाना जो नोट लिख रहे थे उसे लिखने की कोशिश करना नोट के शब्द शायद पूरी तरह से बदल जाएंगे...
और फिर लिखा जाएगा शायद कुछ ऐसा...

                मैं चाहता था मरना
         पर अब हर पल जीना चाहता हूँ.....
माँ बाबा आपके साथ खुशी-खुशी रहना चाहता हूँ।

               गलती हुई है मुझसे ऐसी
           जो मैं एक अपराध करने की सोचा
     अब मैं बदल गया हूँ अब मैं जीना चाहता हूँ...

आपका सुसाइड नोट शायद बदला सा होगा...

आत्महत्या कोई बहादुरी नहीं कायरता की निशानी है
नाज करो खुद पर कि तुमने यह जिंदगानी पाई है
आत्महत्या नहीं कुछ ऐसा करो
जब दिन हो तुम्हारा सच में आखिरी
तो पूरी दुनिया को तुम्हारे जाने का गम हो.....

......"बस ऐसे ही एक ख्याल".....