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रेप बलात्कार... आख़िर क्या लड़कियां भी कहीं कुछ हद तक उत्तरदाई हैं??
आज कुछ दिमाग उखड़ा सा हुआ है..
देख दुसाहस लिंग धारकों का..
मिजाज़ कुछ अजीब सा बहका हुआ है..
उत्थान के लिंग को न नियंत्रित कर पाते हैं ये..
जा किसी की भी योनि में महिला बकरी या श्वानी ही क्यों ना हो
स्खलित हो.. शांत यौन उत्तेजना कर लिया करते हैं

मनुष्य योनि को कर दूषित
अतिक्रमित स्त्री देह का कर
उसे कलंकित कर दिया करते हैं
ये रहीस जादे होते है या कुछ मनचले
जो अपनी मां बहन बेटी को भी देख मौक़ा ढूंढते हैं
वो रिश्तों में सिर्फ़ और सिर्फ़ योनि ढूंढते हैं

निकल उसी योनि से चूस उसी स्तन को
होश संभालते हैं फिर.. शिकार उसी योनि स्तन का करते हैं... इन्हें ना फ़र्क पड़ता चाहें नवजात योनि हो या तिख्ती पर लेटने को तैयार योनि हो.. ना फ़र्क पड़ता इन्हें..

रात के अंधेरे में..
सुनसान राहों में घात लगाए बैठे इंतजार करते रहते हैं.. ये
बहला फुसला बहाना बना कोई भी
अपना उद्देश पूरा कर लिया करते है...



उपरोक्त बातें एक सत्य घटना पर आधारित है..
झारखण्ड का एक छोटा सा जिला है, वहां एक लड़के को अपने साथ पढ़ने वाली लड़की से प्रेम हुआ,
घूमने के लिए वो एक डैम है यहां वहां गए.. अपनी कार ले..
दोनों ज़वानी के नशे में चूर थे.. ललक उत्सुकता सेक्स के विषय में.. उन्होनें वो करने की ठानी जो अमूमन लोग शादी पश्चात् किया करते हैं..
जगह सुनसान ढूंढी गई.. कार से अच्छी जगह और क्या हो सकती थी.. दोनो शारीरिक संबंध स्थापित करने लगें.. इतने में कुछ आदिवासी लड़के आ पहुंचे उधर..
फिर क्या.. जो हुआ वो कल्पना भी नहीं कर सकता है इंसान..
लड़के को भगा दिया मार पीट कर रात्रि तक रोकने के बाद और फिर चार लड़कों ने बुरी तरह लड़की की अस्मत लूटी...
सुबह करीब तीन बजे लड़की को भी ला सड़क पर छोड़ दिया..
बकौल लड़की हालात उसके बहुत बुरे थे.. जंगली इलाका था.. मैं लिखूंगा तो आप यकीन न करेंगे.. मगर लड़की ने कहा की उसे नंगा कर लडको ने सड़क पर छोड़ था.. रास्ते में दो लोगों ने शरण देने के नाम पर बलात्कार किया.. और भागा दिया फिर.. सुबह की जब पो फटी तो एक आदिवासी लड़के ने ही उसको कपड़ा दिया और थाने ले गया.. जहां लड़की के घर वालों को बुलाया गया..
जो लड़का घुमाने ले गया था उसके साथ उसकी शादी भी करवा दी गई.. परंतु ऐसे रिश्ते ना चलते हैं.. लड़के ने साल भर के भीतर लड़की को कुछ पैसा दे अपना पिछा छुड़ा लिया..
लड़की दिल्ली चली गई और लड़का यहां दूसरी शादी कर मस्त जीवन व्यतीत कर रहा है.. आख़िर..
सज़ा किसे मिली.. कौन भुक्ता "लड़की" ...

तो लड़कियों को दोस्ती में इतना भी उन्मुक्त ना हो जाना चाहिए की कहीं भी किसी पर भी भरोसा कर कपड़े उतार दें...

ये सत्य घटना है दुर्भाग्यवश उस लड़के से एकबार मुलाकात भी हुई.. पर आज वो बिना किसी अपराधबोध के खुशी से जीवन जी रहा है.. उसी समाज के बीच....




© दी कु पा