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"वो एहसास"
सोनाली एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत थी। अपने घर दिल्ली से दूर वो बैंगलोर में जौब के लिए आ गई थी। आफिस से कुछ ही दूर उसने एक फ्लैट रैन्ट पर ले लिया था।
अब वो दफ्तर से जल्दी घर आ सकती थी, इससे पहले वो जिस फ्लैट में रहती थी वो उसके आफिस से काफी दूर था,खैर एक दिन उसे काम कुछ ज्यादा था तो अपनी दोस्तों से उसने कहा तुम सब चलों मैं काम ख़त्म करके आ रही हूं,और वो काम में व्यस्त हो गई,काम करते हुए उसे काफी वक्त हो गया तो उसने देखा घड़ी ने ९:०० बजा दिए थे खैर काम भी उसका खत्म हो गया था तो उसने जल्दी से कंप्यूटर बंद किया और अपना बैग लेकर अपने केबिन से बाहर आ गई।
बाहर आते ही वो थोड़ी सी सिहर उठी।पूरा आफिस खाली था यहां तक कि प्यून तक जा चुके थे।आज मुझे कुछ ज्यादा ही देर हो गई सोनाली मन ही मन बुदबुदाईं....... हां सही कह रही हो सच में आज तुम्हें बहुत देर हो गई...... सोनाली चौंक उठी और जोर से बोली कौन है? लेकिन जवाब में फिर वही सन्नाटा और हल्के से सुनाई देती उसकी धड़कन।
उसने जल्दी जल्दी कदम बढ़ाए और फर्स्ट फ्लोर पर आ गई और सीधे सीढ़ियां उतरते हुए ग्राऊण्ड फ्लोर पर आ गई उसने जल्दी से अपनी स्कूटी स्टार्ट की और सीधे घर आ गई।
घर आकर उसने जल्दी से डिनर किया और सीधे अपने रूम में चली गई।जब बिस्तर पर लेटी तो बार-बार वही आवाज उसके कानों में गूंजने लगी...... आखिर कौन हो सकता है वो और किसकी आवाज़ हो सकती है उसकी मगर उसके हर प्रश्नों के जवाब में उसे सिवाय सन्नाटे के और कुछ न मिला।
दूसरे दिन उसने आफिस में अपने दोस्तों से इस बाबत चर्चा की पर सबने कहा ये उसका वहम होगा और कुछ नहीं तो किसी ने कुछ तो किसी ने कुछ कहा हार कर सोनाली ख़ामोश हो गई।
फिर बहुत दिनों तक सोनाली को देर तक रूकना नहीं पड़ा तो आवाज़ भी उसे सुनाई नहीं दी।
फिर एक दिन सोनाली फिर किसी काम से आफिस में रूक गई तो काफी खौफजदा थी कि अब आवाज़ आए या अब आवाज़ आए मगर इस बार कोई आवाज नहीं आई। सोनाली ने इत्मीनान से काम किया और अपने घर चली गई।
आज सोनाली एक शादीशुदा और दो बच्चों की मां है, लेकिन आफिस की वो रात आज भी रह रह कर उसके ज़ेहन से गुज़रतीं है। आखिर कौन था वो और किसकी आवाज़ थी वो?मगर उस दिन की भांति आज भी सोनाली के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है।
(समाप्त)- 4.4.24- बृहस्पतिवार


© Deepa🌿💙