...

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तुम्हारी मेरी बातें
तुम्हे पता है हम दोनों के रिश्ते की ‍सबसे अच्छी बात यह है  कि मैं और तुम एक - दूसरे को बेइंतहा सुनते है.. चाहे वो कोई भी बात रही हो.. हा  ये बात अलग है की सबसे ज्यादा बक बक मैं ही करती हूं ..वो शाम की बाते हो या जब मैं तारो के साथ होती हूं तब की बाते हो
हमनें कभी एक -दूसरे की बातों को अनसुना नहीं किया .. यही कारण है कि हम हमारे रिश्ते को बेहतर समझते है .. और हमारा रिश्ता और भी प्यारा होता जा रहा .. कभी कभी तो मुझे लगता है की कितनी खुशनसीब हूं मैं की तुम मुझे मिले !  मैं कितनी बार सोचती हूं जैसे तुम सागर हो अनकही  बातो का .. और मैं नदी बनकर रोज मुझसे मिलने चली आती हूं ..!!

हर दिन, वो हमारी सारी बाते एक नई याद की तरह मेरे भीतर बस जाती है .. मैं जब भी तुमसे मिलती हूं, तब
हर बार तुम मुझे नए से मिले हो .. क्योंकि  तुम्हारे पास हर दिन के लिए कई नई बातें होती है  मुझे देने के लिए नई यादें होती है ..