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"ईर्ष्या"
#WritcoStoryPrompt121
मीना और टीना दोनों सगी बहने थी। मीना बड़ी और टीना छोटी बहन थी। मीना शुरू से ही बहुत समझदार और होशियार थी पर उसके ठीक उलट टीना बहुत ही जिद्दी और बदतमीज थी। मीना अपनी छोटी बहन टीना से बहुत प्यार करती थी पर टीना अपनी बड़ी बहन मीना को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी क्योंकि उसके माता-पिता और सब घर वाले मीना को ही अच्छा मानते थे।जिसके कारण उसको मीना से बहुत "ईर्ष्या "होती थी। कि हर कोई उसे ही पसंद करता है और उसकी ही बात मानते हैं।
समय बीतता गया और एक दिन बहुत ही बड़े घर से मीना के लिए शादी का प्रस्ताव आता है।सब घर वाले उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेते हैं। और मीना की शादी उस घर में कराने के लिए तैयार हो जाते हैं।पर जब टीना को पता चलता है।कि मीना के लिए एक बहुत ही बड़े घर से रिश्ता आया है तो टीना को मीना से और भी ज्यादा "ईर्ष्या"होने लगती है। कि हर चीज मीना को कैसे मिलती है ,उसे नहीं मिलती। टीना भी यह सोच लेती है कि वो यह रिश्ता नहीं होने देगी। टीना उस रिश्ते को तोड़ने के लिए वो हर वह गलत काम करती है।जिससे कि वो रिश्ता टूट जाए। वह लड़के वालों को मीना के बारे में बहुत गलत बातें बताती है कि मैंने ऐसी है मीना वैसी है। लड़के वाले भी सोचने में मजबूर हो जाते हैं कि जब लड़की की बहन अपनी बहन के बारे में ऐसी बातें कह रही है तो इस बारे में जांच पड़ताल करना जरूरी है।फिर एक दिन लड़के वाले मीना के घर में जाते हैं। वह मीना के पिता को साफ़-साफ़ बता देते हैं कि उनकी छोटी बेटी उनके घर आकर अपनी बड़ी बहन के लिए क्या कह कर रही थी ।तब मीना के पिता लड़के वालों से माफी मांगते हुए कहते हैं।ऐसा कुछ नहीं है आप निश्चित होकर जाइए। वहां से संतुष्ट होकर लड़के वाले चले जाते हैं और रिश्ते को नहीं तोड़ते हैं
शाम को जब टीना वापस घर लौट कर आती है।तो टीना के घर आते ही उन्होंने टीना के गाल में थप्पड़ जड़ दिया और उससे पूछा कि तुमने ऐसा क्यों किया तुम क्या बोल कर आई थी लड़के वालों से कि तुम्हारी दीदी ऐसी है वैसी है।टीना के पिता ने टीना से कहा कि तुम ऐसा क्यों कर रही हो, तब टीना ने चिल्लाते हुए कहा हाॅं, मैं कह कर आई थी बचपन से देख रही हूॅं।आप हमेशा से ही दीदी का पक्ष लेते हो।हमेशा उसी की बात मानते हो। मुझसे आप लोग प्यार नहीं करते।मुझे जब पता चला कि दीदी के लिए बड़े घर से रिश्ता आया है।तो मुझे दीदी से और भी ज्यादा ईर्ष्या होने लगी तो मैंने इस रिश्ते को तोड़ने का मन बना लिया। मैं उस घर में शादी करके जाना चाहती थी इसलिए मैंने यह सब किया यह सब सुनकर मीना को बहुत दुख होता है और मीना टीना से कहती है ।अगर ऐसी बात है ,तो तूने मुझसे बात क्यों नहीं की मैं खुद ही उस रिश्ते के लिए मना कर देती। तुम एक बार आकर मुझसे बात तो करती।तुम्हारी खुशी के लिए मैं कुछ भी कर सकती थी। मीना की ये बात सुनकर टीना रोने लगती है। उसे अपनी गलती का एहसास होता है वो मीना से माफी मांगती हैं कि उसने बचपन से लेकर अब तक उससे "ईर्ष्या"ही की।इस ईर्ष्या के चलते उसे कभी भी मीना का प्यार दिखाई नहीं दिया वह फूट-फूट कर रोने लगती है फिर अपनी बहन मीना से माफी मांगती है।
मीना ने टीना को समझाया "ईर्ष्या" करने से होता कुछ नहीं सिर्फ अपना नुकसान होता है।"ईर्ष्या" अच्छे-अच्छे रिश्तो को निगल जाती है।