संवाद प्रतिक्रिया
वैचारिक या भावनात्मक संवाद या संप्रेषण की प्रतिक्रिया के बारे में समृद्ध समझ
वैचारिक और भावनात्मक संवाद या संप्रेषण की प्रतिक्रिया के परोक्ष में व्यवहारिक और मनोवैज्ञानिक सिद्धांत क्या कहता है
हालांकि दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच (या जड़ चेतन के बीच) किसी भी प्रकार के संवाद या संप्रेषण का होना या नहीं होना या उसकी प्रतिक्रिया का होना या नहीं होना; यह निर्भर करता है संवाद या संप्रेषण करने वालों की गुणवत्ता पर। समय, स्थान और परिस्थिति पर तो बहुत कुछ निर्भर करता है। फिर भी इस विषय की तरलता, सरलता और जटिलता को समझने के लिए विश्लेषणात्मक समझ का होना जरूरी होता है।
यदि किसी व्यक्ति के प्रति (या किसी भी जड़ चेतन के प्रति) संप्रेषित किए हुए भाव विचारों का संप्रेषण केवल उसी व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से एड्रेस किया गया होता है तो यह बहुत संभावना बनती है कि उसकी प्रतिक्रिया होती है अर्थात् जबाव आता है। उसमें भी समय, स्थान परिस्थिति पर निर्भर...
वैचारिक और भावनात्मक संवाद या संप्रेषण की प्रतिक्रिया के परोक्ष में व्यवहारिक और मनोवैज्ञानिक सिद्धांत क्या कहता है
हालांकि दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच (या जड़ चेतन के बीच) किसी भी प्रकार के संवाद या संप्रेषण का होना या नहीं होना या उसकी प्रतिक्रिया का होना या नहीं होना; यह निर्भर करता है संवाद या संप्रेषण करने वालों की गुणवत्ता पर। समय, स्थान और परिस्थिति पर तो बहुत कुछ निर्भर करता है। फिर भी इस विषय की तरलता, सरलता और जटिलता को समझने के लिए विश्लेषणात्मक समझ का होना जरूरी होता है।
यदि किसी व्यक्ति के प्रति (या किसी भी जड़ चेतन के प्रति) संप्रेषित किए हुए भाव विचारों का संप्रेषण केवल उसी व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से एड्रेस किया गया होता है तो यह बहुत संभावना बनती है कि उसकी प्रतिक्रिया होती है अर्थात् जबाव आता है। उसमें भी समय, स्थान परिस्थिति पर निर्भर...