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सिलसिला जिस से #गुफ्तुगू (बात-चीत) तक न पहुँचा,
उसके संग चाँद तक जाना चाहते हैं हम!
#शौक़ ज़रा मुख्तलिफ रखते हैं ज़माने से,
#सहरा (रेगिस्तान) के #सुराब (मरिचिका) से #सेराब (इक्छानुसार पानी पीना) होना चाहते हैं हम!
#alfaaz-e-aas #aasgaduli #WritcoQuote #shairy #like_share_comment