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कुछ खिल सा जाता है, तेरे ख्यालों में खो जाने से,
कुछ मिल सा जाता है, तेरे पहलू में बैठ जाने से।

तेरी बातों की मिठास है, जो दिल को बहलाती है,
कुछ सिहर सा जाता है, तुझसे नजरें मिलाने से।

तू है तो जिंदगानी में, जैसे बहारें आ जाती हैं,
कुछ बदल सा जाता है, तेरे दिल को समझाने से।

फासले हों या करीबियां, तुझसे एक राब्ता है,
कुछ संवर सा जाता है, बस तुझे अपना मानने से।

दुनिया की हर खुशी अधूरी है, तेरे बिना,
कुछ पाकर भी खाली लगता है, तेरे दूर हो जाने से।

आ, फिर से बैठें और बातें करें, उन दिनों की, कुछ जी उठता है दिल, तेरी यादों में मुस्कुराने से।