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#erotica #romance
तुम क्या गए, हवाओं से महक रूठ गयीं
तकिये पे तेरे रेशम के तार रह गए,
बिस्तर से तेरी सिल्वटें रूठ गयीं,
जिस्म पे तेरी मोहब्बत के निशां है बाकी
उन निशानियों से उनकी राहतें रूठ गयीं
अब तो यह आलम है तेरे बग़ैर,
जिस्म बाकी है, जान रूठ गयी......