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🌬️रंज-ए-महफ़िल🎋🎭

इस रंज-ए-महफ़िल में, हम यूंँ चले आए,
किसी बावफ़ा से मानो, वफ़ा कर आए!

क़ागज़ों की सेज सजाकर अपनी ही जनाज़ा लाए‌,
किसी शीशे में बंद कर, वाब-ए-हवा लाए!

लपटें हज़ार, जो जला कर ख़ाक कर आए,
हम तो अपने जिगर की आग़, दीए सा जलाए!

बड़ा मशहूर है वो, पत्थर दिल शख़्स, पत्थर तराशने आए,
हम भी तेरे हुजरे में, ये दिल चूर-चूर लाए!

कुछ सियासी गलियारों के सुनार, गहनों में सजकर आए,
हम भी सारी बेड़ियाँ ज़माने की, बस तोड़ आए!

बड़े प्यार से मुस्कराए, वो ख़ंज़र भी साथ लाए,
हम भी इस दिल में छुपा, मोहब्बत-ए-ग़ुलाब लाए!

वो सितारे जो अपनी रौशनी का गुमां कर, दरमियां आए,
हम भी सर-आंखों में सजाए,चांदनी सा इमां लाए!

कितने खोटे सिक्के हैं वो, जिंद माँ-बाप के, दफ़न‌ कर आए,
ले पोंछ पसीने अपनी रक़ीब, हम अपनी माँ की दुआएं साथ लाए!

हम अपनी माँ की दुआएं साथ लाएं...

धन्यवाद!🙏
©श्वेतनिशा सिंह~🕊️

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