हौसला
बंद मुठ्ठी में लेकर चल रही हूं
हौसला कर बुलन्द
आगे बढ़ते जाना
रहा मैं हजारों सवालों आए
ढूंढ हल कर
बढ़े जाओ
यहीं ख्वाहिश रखती हूं
जीवन में ठहराव जरूरी होता हैं
पर दिखावा मैं रहूंगी तो
ख़ुद को खोह ना बैठो
इसीलिए सभी साक्षात्कार...
हौसला कर बुलन्द
आगे बढ़ते जाना
रहा मैं हजारों सवालों आए
ढूंढ हल कर
बढ़े जाओ
यहीं ख्वाहिश रखती हूं
जीवन में ठहराव जरूरी होता हैं
पर दिखावा मैं रहूंगी तो
ख़ुद को खोह ना बैठो
इसीलिए सभी साक्षात्कार...