...

1 views

सफर
राहों में बिछी जंजीरों को तोड़कर,
हवा के मोड़ पर रुख को जो जोड़कर।
हर कदम पर नई राहें हम ढूंढते हैं,
सपनों के साथ, मंजिलों को पाते हैं।

जीवन की जंजीरों को हम तोड़ना जानते हैं,
अपनी ताक़त से हम सपने पूरे करते हैं।
उड़ान भरते हैं, खुद को स्वतंत्र महसूस करते हैं,
अपनी राहों को, हम खुद ही चुनते हैं।

जंजीरों के गहरे बंधनों को छोड़कर,
स्वतंत्रता की ऊँचाइयों को छूते हैं।
हर चुनौती को हम स्वीकारते हैं,
और नई दिशाओं में हम आगे बढ़ते हैं।

जंजीरों के बंधन से आज़ादी हम पाते हैं,
अपने सपनों को हम साकार करते हैं।
हर एक कठिनाई को हम जीतते हैं,
और नई सफलता के नए सफर में निकलते हैं।
© All Rights Reserved