बचपन🥳 by MoonsFeeling (Hindi writing)
बचपन में नए कपड़े पहन कर कहीं जाता था
कसम से बहुत मजा आता था
जिंदगी का वो खूशनुमां लम्हां था
जिसमें मैं कभी नहीं तन्हा था
मेरी हर ख्वाहिश पूरी होती थी
जब मैं ज़िद करता था
आज उस चौराहे पर खड़ा हूं
जहां मेरा हंसते खेलते बचपन गुजरा था
ए दोस्तों, वृक्षो, रास्तों, हवाओं,
आओ चारों ओर से एक-एक करके,
आज मुझे मेरा बचपन लौटा दो-----------------
मेरे वो कंचे लौटा दो
मेरा वो बेट बोल लौटा दो
मेरी वो प्यारी मुस्कान लौटा दो
मेरी वो जिंदगी लौटा दो
ए दोस्तों, वृक्षो, रास्तों, हवाओं,
आओ चारों ओर से एक-एक करके,
आज मुझे मेरा बचपन लौटा दो--------------...
कसम से बहुत मजा आता था
जिंदगी का वो खूशनुमां लम्हां था
जिसमें मैं कभी नहीं तन्हा था
मेरी हर ख्वाहिश पूरी होती थी
जब मैं ज़िद करता था
आज उस चौराहे पर खड़ा हूं
जहां मेरा हंसते खेलते बचपन गुजरा था
ए दोस्तों, वृक्षो, रास्तों, हवाओं,
आओ चारों ओर से एक-एक करके,
आज मुझे मेरा बचपन लौटा दो-----------------
मेरे वो कंचे लौटा दो
मेरा वो बेट बोल लौटा दो
मेरी वो प्यारी मुस्कान लौटा दो
मेरी वो जिंदगी लौटा दो
ए दोस्तों, वृक्षो, रास्तों, हवाओं,
आओ चारों ओर से एक-एक करके,
आज मुझे मेरा बचपन लौटा दो--------------...