...

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राधा कृष्ण
राधा से ही कृष्ण है और कृष्ण से ही है राधा,
राधा में बसे श्याम और श्याम में बस्ती है राधा।

यदि बांसुरी है कृष्ण तो मधुर आवाज है राधा,
यदि सुदर्शन है कृष्ण तो उसकी धार है राधा।

यदि मोर पंख है कृष्ण तो उसका आकार है राधा,
यदि माखन है कृष्ण तो उसका स्वाद है राधा।

यदि गीता है कृष्ण तो उसका सार है राधा,
यदि चंदन है कृष्ण तो उसकी बहार है राधा।

यदि कमल है कृष्ण तो उसकी सुधा है राधा,
यदि ग्वाला है कृष्ण तो प्यारी गाय है राधा।

यदि उंगली है कृष्ण तो ऊपर उठा पहाड़ है राधा
यदि द्वारिका है कृष्ण तो उसका श्रृंगार है राधा।

यदि लीला है कृष्ण तो उसका आधार है राधा,
यदि कृष्ण है कृष्ण तो उसका संसार है राधा।


© Utkarsh Ahuja