...

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शायद
आज फिर करले जाहिर
या रहने देते है शायद।।
करले हिम्मत हां हो सकती है
नही यार फिर ना होगी शायद।।
अरे रूह से लगाव होगा उसे
या फिर बाहरी दिखावे से शायद।।
घबरा मत चला जा तेरा ही इंतज़ार है उसे
नहीं यार किसी और के इंतज़ार में है शायद।।
अरे देख वो तेरी रूह को ले गया तुझसे दूर
या वो खुद चल दी उसके साथ शायद।।
अरे कोई ना महोब्बत नही थी उसे हमसे
या फिर इज़हार-ए-इश्क़ ना कर सके शायद।।
आज फिर इस "शायद" ने गलती कार्रवाई तुझसे
या फिर सचमे में सही था यह शायद।।
शायद।।

© Aadi...