मील पत्थर
जब भी मन में छाने लगें गहरे अंधेरे
देना आवाज़,मैं लौटूंगा बनके सुनहरे सवेरे,
भटके ना कोई मुसाफ़िर मंज़िल से,तुम
मील पत्थर बना देना चेहरे पे मेरे,
मेरी ख्वाहिशें तो ख़ाक हो गई, दुआ ...
देना आवाज़,मैं लौटूंगा बनके सुनहरे सवेरे,
भटके ना कोई मुसाफ़िर मंज़िल से,तुम
मील पत्थर बना देना चेहरे पे मेरे,
मेरी ख्वाहिशें तो ख़ाक हो गई, दुआ ...