ज़िन्दगी के गीत
हर नई सुबह सुहाना संगीत ला रही हैं,
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी के गीत गा रही हैं,
इतनी ना हैं उलझी हुई हर पल हमको
ये समझा रही हैं,
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी के गीत गा रही हैं,
रूठना मानना चलता रहेगा बड़ों को
देख के समझ आ रही हैं,
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी के गीत गा रही हैं,
क्यों बेवजह की फिक्र अपनी बातों में गैरों
का ज़िक्र यही बात हमको उलझा रही हैं,
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी के गीत गा रही हैं,
माना मुसीबतें हैं बहुत बड़ी...
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी के गीत गा रही हैं,
इतनी ना हैं उलझी हुई हर पल हमको
ये समझा रही हैं,
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी के गीत गा रही हैं,
रूठना मानना चलता रहेगा बड़ों को
देख के समझ आ रही हैं,
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी के गीत गा रही हैं,
क्यों बेवजह की फिक्र अपनी बातों में गैरों
का ज़िक्र यही बात हमको उलझा रही हैं,
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी के गीत गा रही हैं,
माना मुसीबतें हैं बहुत बड़ी...