ऐसा गाँव हैं , मेरा जिसको लोग बेदू कह बुलाये ,
सुबह से शाम हो जाये ,
रात का अँधेरा मन को भाये ,
ऐसा गाँव हैं , मेरा
जिसको लोग बेदू कह बुलाये ,
बचपन की यादे सताये ,
मगर गांव को देख ना पाये ,
जिम्मेदारी ने घर छुडा़ये ,
तन आज भी वही सुकून पाये ,
ऐसा गाँव हैं , मेरा
जिसको लोग बेदू कह बुलाये ,
शहर की ऊँची इमारते फीकी पङ जाये ,
जब बात मेरे गाँव की आये ,
शहर सुख सुविधाओ का मोहताज है ,
मगर बदन का दर्द आज भी मिटा ना पाये ,
ऐसा गाँव हैं , मेरा
जिसको लोग बेदू कह बुलाये ,
जब भी वार - त्योहार आये ,
सबका मन...
रात का अँधेरा मन को भाये ,
ऐसा गाँव हैं , मेरा
जिसको लोग बेदू कह बुलाये ,
बचपन की यादे सताये ,
मगर गांव को देख ना पाये ,
जिम्मेदारी ने घर छुडा़ये ,
तन आज भी वही सुकून पाये ,
ऐसा गाँव हैं , मेरा
जिसको लोग बेदू कह बुलाये ,
शहर की ऊँची इमारते फीकी पङ जाये ,
जब बात मेरे गाँव की आये ,
शहर सुख सुविधाओ का मोहताज है ,
मगर बदन का दर्द आज भी मिटा ना पाये ,
ऐसा गाँव हैं , मेरा
जिसको लोग बेदू कह बुलाये ,
जब भी वार - त्योहार आये ,
सबका मन...