पैगाम
उठा था कोई जनाजा शहर के उस कोने से
इधर इस गली मे दर्द की आवाज़ थी
इधर भी पत्र किसी के नाम आया था
कह गया इस संसार को अलविदा , जिसको पैगाम आया था
इधर इस गली मे दर्द की आवाज़ थी
इधर भी पत्र किसी के नाम आया था
कह गया इस संसार को अलविदा , जिसको पैगाम आया था
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