...

2 views

पता है तुम्हे....
पता है तुम्हे
कहना तो बहुत कुछ चाहता था तुमसे
मगर कुछ सोच के रुक गया
तकलीफ तो बहुत हुई जब देखा
तुम्हारा माथा किसी ओर के दर पर झुक गया।
दिल कह रहा था उसे आवाज देके रोक ले
मगर तुमने ही कुछ ना कहते हुए भी
बहुत कुछ बोल दिया।

पता है तुम्हे
जब तुम बोलती रहती थी ना
की तुम्हे मेरा ख़्वाब आया कि नहीं
पर जब ख्वाब आया
तुमने तो एक दम अकेला ही छोड़ दिया।

पता है तुम्हे
मुझे लगा की
तुम्हे दिख गया होगा ना उसमे
हमसे कुछ अलग तभी तो
आज कल बात करना ही छोड़ दिया ।

पता है तुम्हे
आज हमने खयाल ना पूछा तो
तुमने भी पूछना मुनासिफ ना समझा
हम तो इंतजार करते रह गए तुम्हारे कॉल का
तुमने सब जानते हुए भी अनदेखा कर दिया
उसने ना जानें तुम्हे कितना बदल दिया।

पता है तुम्हे
सायद में गलत हुं या फिर नहीं
होसकता है कुछ जायदा ही सोच कर ये कहा
या फिर सच को तुम देखना नहीं चाहते
सायद तुम भी थे कुछ कहना चाहते।

पता है तुम्हे
ये खेल तो तुमने पहले भी खेला था ना
ये सब तो तुमने पहले भी झेला था ना
फिर क्यों उनकी बिछाई बिशाद मे फंसना
फिर क्यो उनकी ही तुम्हे था चाल चलना ।
© All Rights Reserved