पता है तुम्हे....
पता है तुम्हे
कहना तो बहुत कुछ चाहता था तुमसे
मगर कुछ सोच के रुक गया
तकलीफ तो बहुत हुई जब देखा
तुम्हारा माथा किसी ओर के दर पर झुक गया।
दिल कह रहा था उसे आवाज देके रोक ले
मगर तुमने ही कुछ ना कहते हुए भी
बहुत कुछ बोल दिया।
पता है तुम्हे
जब तुम बोलती रहती थी ना
की तुम्हे मेरा ख़्वाब आया कि नहीं
पर जब ख्वाब आया
तुमने तो एक दम अकेला ही छोड़ दिया।
पता है तुम्हे
मुझे लगा की ...
कहना तो बहुत कुछ चाहता था तुमसे
मगर कुछ सोच के रुक गया
तकलीफ तो बहुत हुई जब देखा
तुम्हारा माथा किसी ओर के दर पर झुक गया।
दिल कह रहा था उसे आवाज देके रोक ले
मगर तुमने ही कुछ ना कहते हुए भी
बहुत कुछ बोल दिया।
पता है तुम्हे
जब तुम बोलती रहती थी ना
की तुम्हे मेरा ख़्वाब आया कि नहीं
पर जब ख्वाब आया
तुमने तो एक दम अकेला ही छोड़ दिया।
पता है तुम्हे
मुझे लगा की ...