चाय और तुम
एक ही कप में तुम्हारा चाय लेकर आना...
और फ़िर मेरी गोद में बैठ अपने हाथों से मुझें पिलाना...
अब तुम नहीं मैं पीऊंगी ऐसा कहकर...
मेरे होंठो के निशान पर अपने लबो को रख चाय पीना...
मैं ये भी जानता हूँ ये शाम की चाय तो एक बहाना है...
असल इरादा तो तुम्हारा मेरे क़रीब आना...