...

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तू है...
रोज़ ढूँढ़ती हूँ तुझे हर जगह
जैसे मृग ढूँढ़ता है कस्तूरी...
ये भूल जाती हूँ कि तू
कहीं नहीं है...

है तो बस मेरे अंदर...
मेरे वज़ूद की उस तह तक
यहाँ से मुझको तुझे भूल पाना
नामुमकिन सा है...

तू है... है तो बस... मेरे अंदर...
"Raag "
#raagquotes
© Dreamasingh