...

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बंधुआ पद परिचय ३
मेरी होली रंगीन बनाने के लिए -
मै जागी रातों में,
दीपावली में दीपावली मनाने के लिए -
मै चीखी -चिललाई रातभर ।।
मेरा क्या,
मेरा कुछ नहीं हैं,
क्योंकि मेरा खुद का जिस्म एक पराई अमानत है।।
मेरी कोई चाह नहीं और ना ही है मेरी अभिलाषा ।।
मेरा अस्तित्व एक मजबूरी है जो शायद कल तुमहारा आस्तित्व तुमहारे लिए बन सकता है।।
मगर जो हम वो होना आम बात नहीं।।
क्योंकि हम सबकी आरज़ू है इसलिए हमारी खुद की बात काभी आती ही नहीं।।
मगर हमारी खुशियां बहुत ही ज्यादा है।।
हमारे यहा हर मेहमान आते हैं।।
और हम अपने मेहमानों को काभी निराश नहीं करते हैं।।
#सेवामई
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