...

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पहचान
बनेगा जो सास्वत,
वही आधार हो।

पहचान तेरा नाम पश्चात,
प्रथम अपितु काम हो।

ऐसे कर्म कर इस जन्म में,
की आख़िरी सांस लेने से पहले,
जब अपने कर्मो की स्मृति हो..

अपनी जीवन यात्रा का
संभवता: तुझे सम्मान हो।


© adi_k