जुगनू
#shadow #shadowpoem
ए जुगनू ठहर जा जरा..
अपने आप में ही चमक जा जरा
खोया हूं इन अंधेरों में
मुझे राह दिखा दे जरा
चलते चलते भटक गया कही
अपने इस अंधेरे से डर गया कही
चल न सका क्युकी राह बंद ही गई
रो न सका पर आंख नम हो गई
ए जुगनू आजा जरा
मुझे राह दिखा जा जरा
थक गया हूं मैं भटकते भटकते
मुझे अपनी मंजिल दिला जा जरा
© shadow
ए जुगनू ठहर जा जरा..
अपने आप में ही चमक जा जरा
खोया हूं इन अंधेरों में
मुझे राह दिखा दे जरा
चलते चलते भटक गया कही
अपने इस अंधेरे से डर गया कही
चल न सका क्युकी राह बंद ही गई
रो न सका पर आंख नम हो गई
ए जुगनू आजा जरा
मुझे राह दिखा जा जरा
थक गया हूं मैं भटकते भटकते
मुझे अपनी मंजिल दिला जा जरा
© shadow