तुम सब कुछ भूल गए... हमें सब याद रहा...
एक यादों का कारवां...
तेरे जाने के बाद रहा...
तुम सब कुछ भूल गए...
हमें सब याद रहा...
मंजिले अलग थी ना जाने कब रास्ते मिल गए...
देखते ही देखते हम कितने दूर निकल गए...
तुम गए अपने रास्ते मैं अपने रास्ते चलता रहा...
तुम्हें बस चाहत थी मंजिल की मैं बस तुम्हारी रास्ते से फिर मिलने को तरसता रहा...
एक यादों का कारवां...
तेरे जाने के बाद रहा...
तुम सब कुछ भूल गए...
हमें सब याद रहा...
धूप भी देखी थी हमने साथ ही... साथ ही हम हर मौसम से लड़ा किए...
तुम्हारी किताब है तुम्हारी काम की थी... पता नहीं क्यों हम उन्हें पढ़ा किए...
साथ तेरा ऐसा रहा जैसे घोसले में चिड़िया सो रही हो...
नजर उठाकर तुम्हें देखना लगता जैसे सुबह हो रही हो...
छोड़कर जाना यू मुझे...
तुम्हें मालूम है क्या क्या तुम्हारा मेरे पास रहा...
एक...
तेरे जाने के बाद रहा...
तुम सब कुछ भूल गए...
हमें सब याद रहा...
मंजिले अलग थी ना जाने कब रास्ते मिल गए...
देखते ही देखते हम कितने दूर निकल गए...
तुम गए अपने रास्ते मैं अपने रास्ते चलता रहा...
तुम्हें बस चाहत थी मंजिल की मैं बस तुम्हारी रास्ते से फिर मिलने को तरसता रहा...
एक यादों का कारवां...
तेरे जाने के बाद रहा...
तुम सब कुछ भूल गए...
हमें सब याद रहा...
धूप भी देखी थी हमने साथ ही... साथ ही हम हर मौसम से लड़ा किए...
तुम्हारी किताब है तुम्हारी काम की थी... पता नहीं क्यों हम उन्हें पढ़ा किए...
साथ तेरा ऐसा रहा जैसे घोसले में चिड़िया सो रही हो...
नजर उठाकर तुम्हें देखना लगता जैसे सुबह हो रही हो...
छोड़कर जाना यू मुझे...
तुम्हें मालूम है क्या क्या तुम्हारा मेरे पास रहा...
एक...