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Ram aur Ravan Mann me Samaye Hai
राम बनने की सोचते हो पर रावण सा चरित्र रखते हो, राम के उद्देश्य मन में धरते हैं पर रावण सा प्रवचन करते हैं,
राम की जानकी छाया है, पर यहाँ रावण का मन हर दूसरी पे आया है, राम जो धर्म के अधिक है, रावण को माने सब श्रेष्ठ, वो क्षणिक है,
धुरता में रावण को पीछे कर दिया और राम राम जपके वैकुंठ जाने का सपना बुन दिया, राम का स्वाभिमान ही जीवन जीने की आस है, रावण तो राक्षस है आज के वक़्त में वही खास है,
पितृ आज्ञा पर वन में जिसका वास है, पर हमें क्या हमारे माता पिता का वृद्धाश्रम में आवास है, राम जो मन के कोमल, चरित्रवान और आज्ञाकारी है, वही रावण घमंड से भरा, धुर्त, मक्कार और दुराचारी है,
राम और रावण दोनों मन में समाये हैं ये तुझपे है मनुष्य तू किसका अनुयायी है
#Ram #Ravan #Mann
© @GK
राम की जानकी छाया है, पर यहाँ रावण का मन हर दूसरी पे आया है, राम जो धर्म के अधिक है, रावण को माने सब श्रेष्ठ, वो क्षणिक है,
धुरता में रावण को पीछे कर दिया और राम राम जपके वैकुंठ जाने का सपना बुन दिया, राम का स्वाभिमान ही जीवन जीने की आस है, रावण तो राक्षस है आज के वक़्त में वही खास है,
पितृ आज्ञा पर वन में जिसका वास है, पर हमें क्या हमारे माता पिता का वृद्धाश्रम में आवास है, राम जो मन के कोमल, चरित्रवान और आज्ञाकारी है, वही रावण घमंड से भरा, धुर्त, मक्कार और दुराचारी है,
राम और रावण दोनों मन में समाये हैं ये तुझपे है मनुष्य तू किसका अनुयायी है
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