!ऐ मजदूर बता मैं तेरे लिए क्या लिखूं!
!!ऐ मजदूर बता मैं तेरे लिए क्या लिखूं!!
तेरी बिखरती हुई जिंदगी को लिखूं
या फिर तेरी दुःखनुमा जिंदगी को लिखूं,
तेरी जिंदगी में आने वाले मौत को लिखूं
या फिर उसे मात देने वाले शक्ति को लिखूं,
तुझे हर मोड़ पर मिले ठोअर को लिखूं
या उस ठोकर से लडने वाले दमखम को लिखूं।।
!!ऐ मजदूर बता मैं तेरे लिए क्या लिखूं!!
अपने घर गांव पहुंचने की तेरी लालसा को लिखूं
या फिर तुझे कड़कती धूप में भटकते हुए लिखूं,
जिंदगी से मिली तेरी हार को लिखूं
या फिर उस हार...
तेरी बिखरती हुई जिंदगी को लिखूं
या फिर तेरी दुःखनुमा जिंदगी को लिखूं,
तेरी जिंदगी में आने वाले मौत को लिखूं
या फिर उसे मात देने वाले शक्ति को लिखूं,
तुझे हर मोड़ पर मिले ठोअर को लिखूं
या उस ठोकर से लडने वाले दमखम को लिखूं।।
!!ऐ मजदूर बता मैं तेरे लिए क्या लिखूं!!
अपने घर गांव पहुंचने की तेरी लालसा को लिखूं
या फिर तुझे कड़कती धूप में भटकते हुए लिखूं,
जिंदगी से मिली तेरी हार को लिखूं
या फिर उस हार...