...

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यादें बचपन की..
जो खोजने चले थे हम ,
वो चक्की आटा , वो आग की रोटी ,
बाहर मिली ना कहीं |
वो आंचल की हवा , वो हाथों का प्यार ,
बाहर मिली ना कहीं |
वो तेरी हंसी , वो तेरी मुस्कान ,
बाहर मिली ना कहीं |
वो तेरा समझाना , वो तेरी बातें ,
बाहर मिली ना कहीं |
जो चली मैं ढूंढने तुम्हे ,
बाहर तुम मिले ना कहीं||

-तान्या मौर्या
s.j.s पब्लिक स्कूल गौरीगंज अमेठी