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हमे बस चले चलना आगे, बिना पूछे कोई सवाल,
बिना किए कोई बवाल ।
पैदा कहा होना ये हमारे हाथ नही,
मरना कब ये भी हमारे हाथ नही।
कल क्या होगा ये भी नही पाता,
आज क्या हो रहा ये मैं समझ नही पाता।
हम आए यहां अकेले,
फिर मिले कुछ अपने,
और आए मुझे बड़े सपने।
सोचा करूंगा मैं सारे उन्हे पूरे,
पर डर भी लगता है कही वह रह न जाए अधूरे।
© Rohit
बिना किए कोई बवाल ।
पैदा कहा होना ये हमारे हाथ नही,
मरना कब ये भी हमारे हाथ नही।
कल क्या होगा ये भी नही पाता,
आज क्या हो रहा ये मैं समझ नही पाता।
हम आए यहां अकेले,
फिर मिले कुछ अपने,
और आए मुझे बड़े सपने।
सोचा करूंगा मैं सारे उन्हे पूरे,
पर डर भी लगता है कही वह रह न जाए अधूरे।
© Rohit