नश्वर जीवन... ✍️✍️
ये जो इतना तुम अकड़कर चल रहे हो,
ये घमंड तुम्हारा बस कुछ सांस का है।
हुस्न पर इतना भी न इतराओ, साहिब
ये काया भी तो मिट्टी के बाजार का है।
जिसे तुम बेइंतहा खूबसूरत कहते हो,
ये हुस्न तुम्हारा बस एक रात का है।
गुरुर है...
ये घमंड तुम्हारा बस कुछ सांस का है।
हुस्न पर इतना भी न इतराओ, साहिब
ये काया भी तो मिट्टी के बाजार का है।
जिसे तुम बेइंतहा खूबसूरत कहते हो,
ये हुस्न तुम्हारा बस एक रात का है।
गुरुर है...