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☘️"पहचान"☘️
#पहचान

बनेगा जो सास्वत वही आधार होगा,
पहचान तेरा नाम अपितु काम होगा;
आख़िरी सांस लेने से पहले,
बनाना पहचान खुद की,
नहीं तो जग में आना तेरा बेकार होगा।

बिन पहचान आदमी किसी काम का नहीं,
ना ही कोई पहचान तो कोई जानता नहीं।
वजूद खुद का करना हो हासिल,
तो पहचान है ज़रूरी।
नहीं तो कहीं न कहीं शख्सियत रह जाती अधूरी।

मगर पहचान बढ़ाने के लिए,
गलत मार्ग अपनाना न।
जल्दी प्रसिद्धि के लिए शॉर्टकट अपनाना न।
गलत रास्ते पर चल मिली पहचान,
ना टिकती है ज्यादा देर,
अर्श से ला गिराती है फर्श पर।

इसलिए चल नेक राह पर काम नेक तू करना,
हर पल हर क्षण उस की करनी से डरना।
वो शाहों का है शाह, बंदे को उस की हद तक रखता, उसे सही राह लाने के लिए,
अंत तक है परखता।।

उस के एक इशारे को जो इंसान जान ले,
ज़िंदगी में अपनी वो इंसान पा जाता मान रे।
समझ से समझ कर जो ईश्वर का हो गया,
जुड़ कर उस से बन जाती अलग पहचान रे।

© सिया भारती