अलविदा, 2024
तेरे जाने की ख़ुशी में सब मग्न है
आदिम की बस्ती में आज जश्न है
पर क्यों, तूने तो बहुत कुछ दिया
हसीन लम्हे, कुछ मीठा कुछ तीखा
...
आदिम की बस्ती में आज जश्न है
पर क्यों, तूने तो बहुत कुछ दिया
हसीन लम्हे, कुछ मीठा कुछ तीखा
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