आज की नारी
नारी.....
आज की नारी सब पर भारी
पूरूषत्व बल वो रखती है
धर्म मर्यादा मे जकडी़
फिर भी आगे बढती है
घर बाहर दोनो संभाले
कामकाजी भी होती है
अरमानो की उडा़न भरे वो
नील गगन को...
आज की नारी सब पर भारी
पूरूषत्व बल वो रखती है
धर्म मर्यादा मे जकडी़
फिर भी आगे बढती है
घर बाहर दोनो संभाले
कामकाजी भी होती है
अरमानो की उडा़न भरे वो
नील गगन को...