बूंद और खिड़की
#Raindrops
यूँ ही एक शाम को बैठा
अपने ही बारे में सोचा
कैसे बीते हैं दिन सारे
कैसे उम्र गुज़र गई बस
सच-झूठ के...
यूँ ही एक शाम को बैठा
अपने ही बारे में सोचा
कैसे बीते हैं दिन सारे
कैसे उम्र गुज़र गई बस
सच-झूठ के...