तोड़ कर दिल अपना वो तुम्हारा दिल रखता है
तोड़ कर दिल अपना वो तुम्हारा दिल रखता है...
हौसला ख़ुद से लड़ने का वो किस क़दर रखता है...
कह नहीं सकता चुप चाप हर बात वो दिल में छुपा कर रखता है...
जनाब वो हर एक ज़ख्म पर अपने मुस्कुराहट का मरहम रखता है ...
वो तमाम दुनिया के रंज ख़ुद में ही संजो कर रखता...
हौसला ख़ुद से लड़ने का वो किस क़दर रखता है...
कह नहीं सकता चुप चाप हर बात वो दिल में छुपा कर रखता है...
जनाब वो हर एक ज़ख्म पर अपने मुस्कुराहट का मरहम रखता है ...
वो तमाम दुनिया के रंज ख़ुद में ही संजो कर रखता...