...

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खेल जिंदगी का
जिंदगी एक खेल है ,
राहों पर निकलती है ,
रूबरू हुए बहुत लोगों से ,
किसी ने प्यार दिया ,
तो किसी ने नफरत ,
कभी सामना हुआ सत्य से ,
कभी टकराए हैं असत्य से ,
कभी मिले हैं हम वफा से ,
तो कभी हुई मुलाकात है बेवफाई से ,
कहीं तो जिंदगी ने फूल है बरसाए ,
कहीं कांटो पर कदम है टिकाए ,
कभी ऊंचे उड़े हैं आसमान में ,
तो तभी डूबे हैं गहरे समंदर में ,
यह जिंदगी है साहब ,
तुम्हारी सोच से परे ,
संभलकर कदम रखना ,
कभी भी रुख मोड़ ले ।।।।