...

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आहिस्ता आहिस्ता
आहिस्ता आहिस्ता आगे बढ़ेंगे,
फूलों को माला में प्रेम से पिरोएंगे,
अगर कम पड़ें फूल भी
तो शब्दों से आपका दिल बहलाएंगे,
आप तो कभी रूबरू हमसे होंगे नही,
चांद की रोशनी में
हम ही आपको ढूंढते हुए आ जायेंगे,
तुम ठहरना वहीं
हम आहिस्ता आहिस्ता करीब आयेंगे.....
© sharma