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गजल -हम जो सोचते है
हम जो सोचते है,वही होता क्यों नहीं
दिल अगर जलता है,राख होता क्यों नहीं
हर मुलाकात में सोचा,अब नहीं मिलेंगे
सामने आते ही याद रहता क्यों नहीं
दरिया हर बार समंदर से मिले
समंदर खुद आकर दरिया से मिलता क्यों नहीं
तू साथ था तो वक्त दौड़ता भागता था
तू साथ नहीं,तो वक्त रुक जाता क्यों नहीं
सोया रहा मैं कल रातभर सुकून से
ख्वाबों में आकर कोई सताता क्यों नहीं
सोचा था तुम्हारे बिन न रह पाएंगे 'आकाश'
अब अगर दूर है,तो दम निकलता क्यों नहीं
© ⚡आकाश⚡
दिल अगर जलता है,राख होता क्यों नहीं
हर मुलाकात में सोचा,अब नहीं मिलेंगे
सामने आते ही याद रहता क्यों नहीं
दरिया हर बार समंदर से मिले
समंदर खुद आकर दरिया से मिलता क्यों नहीं
तू साथ था तो वक्त दौड़ता भागता था
तू साथ नहीं,तो वक्त रुक जाता क्यों नहीं
सोया रहा मैं कल रातभर सुकून से
ख्वाबों में आकर कोई सताता क्यों नहीं
सोचा था तुम्हारे बिन न रह पाएंगे 'आकाश'
अब अगर दूर है,तो दम निकलता क्यों नहीं
© ⚡आकाश⚡
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