...

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अभी नही मरने वाला
मुझे पढ़ लेना , मुझे बताना मत
मैं कैसा हूं
वो जो भेड़िए होते है ना , जंगली
बिल्कुल वैसा हूं

मैं बस शक्ल सूरत से ही
लुभावना हूं
बाकी तो उस भेड़ियो के जंगल की तरह
डरावना हूं

मौत की दुआ मांगता है वो शख्स
जो मेरे घर में रहता है
जो मेरा हो गया , सारी उमर
एक डर में रहता है

अब कोई रास्ता नही है उसके पास
वो जो मेरा है
उसे जंगल के अंधेरे ने
खौफ में घेरा है

वो खौफनाक मंजर मैं दूर
कर सकता हूं
मैं "दीप" 🪔 जलकर
अंधेरे को नासूर कर सकता हूं

लेकिन मैं ऐसा
कुछ नही करने वाला
अभी बहुत कुछ बाकी है
अभी नही मरने वाला

© दीप