...

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वक्त
चांद था चांदणी के साथ।
वो था मेरे साथ।
तनहाई थी नीली रोशनी थी।
प्यार के गहराई में डूबी
थी एक हसीन शाम।
मौजूद कोन था?
तुम थे या प्यार
हाथ थामकर मेरा
कर रहा सुकून की बौछार,
तिल तिल है समेटा मैंने
वक्त का वो हसीन मंजर
आंखे भी भर आईं मेरी
तुम्हे इतना नजदीक पाकर।
शुक्रिया खुदा का की
तुम्हे मेरे करीब लाया
तुम्हारे दिल की धड़कनें
मेरे कानों में बज रही थीं
कह दिया मैंने भी
दिल से चाहती हूं और चाहूंगी।।।।