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अधूरी मौत जख्म कर्मो का
एक एक कदम जरा गौर से उठाना,
कर्मो का जख्म पहले सौर से दिखाना।।
बहुत गहरे और सख्त है कर्मो के जख्म,
इन पर मरहम नाम सुमरीन से लगाना।।

एक एक कदम जरा गौर से उठाना।।

एक एक जख्म सागर तो गहरे,
जम के दूत नित लगावण पहरे।।
किंज सूखे जख्म नाम बिना सजना,
चलदे न चक्र काल दे चार सफेरे
नजर सिर्फ सतगुरु नाल मिलाना।।

एक एक कदम जरा गौर से उठाना।।

ओखी बोहत बंदेया नाम कमाई,
ओखा रूहां दा फूल खिलना ।।
ओखी बोहत सजना दी यारी,
ओखा बड़ा मनोज नू पुष्प मिलना,
मिले जे प्रीतम अपना खुशियां नाल रिझाना।।

एक एक कदम जरा गौर से उठाना ।।
© Manoj Vinod-SuthaR