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चाँद सा मुखड़ा
चाँद से मुखड़े पर मीठी मुस्कान
आज भी दिल जीत लेती है
जब देखता हूँ नूर उसका
खिंचा चला जाता हूँ
उसकी हर अदा पर फिदा हूँ
वो जो भी रूप दिखलाती है
फुर्सत से बनाया है खुदा ने उसे
उसकी सादगी ने नवाजा है उसे
उसके अंदाज़ ए इश्क़ की बात ही कुछ अलग है जो मुझे खींचती अपनी ओर है
यही अदा सबको अपना बनाती है
हर पल ईश्वर से उसकी खुशी चाहता हूँ।
© hemasinha
आज भी दिल जीत लेती है
जब देखता हूँ नूर उसका
खिंचा चला जाता हूँ
उसकी हर अदा पर फिदा हूँ
वो जो भी रूप दिखलाती है
फुर्सत से बनाया है खुदा ने उसे
उसकी सादगी ने नवाजा है उसे
उसके अंदाज़ ए इश्क़ की बात ही कुछ अलग है जो मुझे खींचती अपनी ओर है
यही अदा सबको अपना बनाती है
हर पल ईश्वर से उसकी खुशी चाहता हूँ।
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