...

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चाँद सा मुखड़ा
चाँद से मुखड़े पर मीठी मुस्कान
आज भी दिल जीत लेती है
जब देखता हूँ नूर उसका
खिंचा चला जाता हूँ
उसकी हर अदा पर फिदा हूँ
वो जो भी रूप दिखलाती है
फुर्सत से बनाया है खुदा ने उसे
उसकी सादगी ने नवाजा है उसे
उसके अंदाज़ ए इश्क़ की बात ही कुछ अलग है जो मुझे खींचती अपनी ओर है
यही अदा सबको अपना बनाती है
हर पल ईश्वर से उसकी खुशी चाहता हूँ।
© hemasinha