दुरी की दोर
फ़र्क़ क्या पड़ा उनके आनें से...?
ये जो हम हैं ऐसे नहीं थे कभी...!!
तरस रहे दिदार को हम|
उधर वो याद करते है,
इधर आंख हमारी भर आती है ||
ये जो हम हैं ऐसे नहीं थे कभी...!!
तरस रहे दिदार को हम|
उधर वो याद करते है,
इधर आंख हमारी भर आती है ||