31 views
उठो वीर जवानों..
क्यों शिथिल सी हो गई तुम्हारी रफ्तार !,
देश के जांबाज सिपाही हो तुम,
बोलो ! मां के सपनों को अब कौन करेगा साकार!।।
बोलती बंद कर दो सबकी,
खेलो अब खून की होली।
मार गिराओ देश के दुश्मनों को,
दे दना दन गोली।।
बिचारने का अब नहीं समय रहा,
बहुत हो चुका खून खराबा,,
सिवाय जंग के ना कोई वजह रहा।।
धूल चटा दो नापाक हरकतों को,
सर कलम कर दो उनकी गफलतों को।।
अब नहीं देख सकते अपने जवानों की लाशें,
कहर बन टूट पड़ेंगे,,
भले ही थम जाएं हमारी सांसे।।
एक एक को चुन चुन धरा दिखाओ,
पाताल से भी ढूंढ मौत का खौफ जरा उन्हें दिखाओ।।
नेस्तनाबूद कर दो इनको इनके घर में घुसकर,
ताकि कभी खड़े ना हो सकें दरिंदे छुप छुप कर।।
उठो ! हे भारत के वीर जवान उठो,
उठाओ अब हथियार बेखौफ हो।
थर थर कांप उठे उनकी रूह,
गुरूर जल उनका राख हो।।
कलेजा फट चुका मां भारती का,
कर रही अब चीख पुकार।
मारो या मिट जाओ,
छोड़ना नहीं अबकी बार।।।
written by(संतोष वर्मा)
आजमगढ़ वाले..खुद की जुबानी..
देश के जांबाज सिपाही हो तुम,
बोलो ! मां के सपनों को अब कौन करेगा साकार!।।
बोलती बंद कर दो सबकी,
खेलो अब खून की होली।
मार गिराओ देश के दुश्मनों को,
दे दना दन गोली।।
बिचारने का अब नहीं समय रहा,
बहुत हो चुका खून खराबा,,
सिवाय जंग के ना कोई वजह रहा।।
धूल चटा दो नापाक हरकतों को,
सर कलम कर दो उनकी गफलतों को।।
अब नहीं देख सकते अपने जवानों की लाशें,
कहर बन टूट पड़ेंगे,,
भले ही थम जाएं हमारी सांसे।।
एक एक को चुन चुन धरा दिखाओ,
पाताल से भी ढूंढ मौत का खौफ जरा उन्हें दिखाओ।।
नेस्तनाबूद कर दो इनको इनके घर में घुसकर,
ताकि कभी खड़े ना हो सकें दरिंदे छुप छुप कर।।
उठो ! हे भारत के वीर जवान उठो,
उठाओ अब हथियार बेखौफ हो।
थर थर कांप उठे उनकी रूह,
गुरूर जल उनका राख हो।।
कलेजा फट चुका मां भारती का,
कर रही अब चीख पुकार।
मारो या मिट जाओ,
छोड़ना नहीं अबकी बार।।।
written by(संतोष वर्मा)
आजमगढ़ वाले..खुद की जुबानी..
Related Stories
29 Likes
3
Comments
29 Likes
3
Comments