वरना
ये वक़्त बालू का ढेर है,
जो खिसकता चला जाएगा।
जीवन एक खेल है,
जो यूं ही बढ़ता चला जाएगा।।
कहीं खुशियां तो कहीं गम,
मिलेंगे हर मोड़ पर,,
समेट लो उन्हें वरना,
ये पल कभी वापस नहीं आएगा।।...
जो खिसकता चला जाएगा।
जीवन एक खेल है,
जो यूं ही बढ़ता चला जाएगा।।
कहीं खुशियां तो कहीं गम,
मिलेंगे हर मोड़ पर,,
समेट लो उन्हें वरना,
ये पल कभी वापस नहीं आएगा।।...