...

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🌺"भरोसा खुद पर"...✍️
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर रे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
ना पत्थर शीशे पर धर रे।

चार दिन की है यह ज़िंदगी,
ना सदा रहेगा यहां कोई।
ना मन में किसी के लिए भी,
कोई शिकवा रख रे।

ना मुरादों के शहर में,
उम्मीद न रखना किसी से।
बस खुद पर ही इतना,
भरोसा रख रे।

तुझ से बड़ा ना तेरा हमदर्दी कोई,
इस बात को तुम सदा,
दिल में बसा कर चल रे।

ना बिखरने देना खुद को कभी भी,
उठ कर हिम्मत करने का,
तू हौंसला रख रे।

गाई जाएगी तेरी भी जीवन गाथा,
खुद में इतना तू भर बल रे।
ना रुकने देना कदमों को खुद के,
तू कद आसमां का छोटा कर रे।

© सिया भारती